कोरोना संक्रमित लोगों पर अध्ययन: संक्रमण के 3 दिन बाद सूंघने की क्षमता पर हो रहा है असर

कोरोना संक्रमित लोगों पर अध्ययन: संक्रमण के 3 दिन बाद सूंघने की क्षमता पर हो रहा है असर

सेहतराग टीम

अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसिनाटी के प्रमुख शोधकर्ता प्रो. अहमद सेदाघाट का कहना है कि 103 मरीजों में से 61 फीसदी मरीजों के सूंघने की क्षमता कम होने लगी थी या खत्म हो गई थी। अध्ययन में यह भी पता चला है कि ये समस्या तब और गंभीर हो जाती है, जब मरीज को सांस लेने की तकलीफ अधिक होने के साथ बुखार और कफ की शिकायत होती है। वैज्ञानिकों को कहना है कि सूंघने की क्षमता का कम होना इस बात का संदेश है कि मरीज में सक्रमण का शुरुआती दौर है और आने वाले समय में और सावधान होने की जरूरत है।

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डरने या घबराने की जरूरत नहीं:

शोधकर्ताओं का कहना कि सूंघने की क्षमता कम होने का मतलब ये नहीं की मौत करीब है। इससे डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। इस लक्षण के जरिए उन मरीजों की पहचान हो सकेगी, जिनमें बुखार और खांसी जैसे लक्षण नहीं हैं और जाने अनजाने में वो दूसरों को संक्रमित कर रहे हैं। ऐसे में सजग रहकर सुरक्षित रहा जा सकता है।

नाक संबंधी परेशानी भी:

रिपोर्ट के अनुसार युवा मरीज और महिलाओं में भी सूंघने की क्षमता कम होती है। अध्ययन में शामिल 50 फीसदी मरीजों में 35 फीसदी को नाक संबंधी तकलीफ थी। किसी की नाक बह रही थी तो किसी को नाक बंद-बंद सी महसूस हो रही थी। इस तरह के लक्षण एलर्जी से भी हो सकते हैं। ऐसे में मास्क पहनकर अपने साथ दूसरों को सुरक्षित रख सकते हैं।

 

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